भारत के 565 रियासतकालीन राजाओ में से अंतिम जीवित राजा श्री मंत महाराज भानु प्रकाश सिंह जी नरसिंहगढ अब हमारे बिच नहीं रहे - KARNI SENA राजपूत करणी सेना NEWS OF RAJPUTANA

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Wednesday, January 23, 2019

भारत के 565 रियासतकालीन राजाओ में से अंतिम जीवित राजा श्री मंत महाराज भानु प्रकाश सिंह जी नरसिंहगढ अब हमारे बिच नहीं रहे


भारत की ५६५ स्वतंत्र रियासतों के 565 रियासतकालीन  राजाओ में से अंतिम जीवित राजा श्री मंत महाराज भानु प्रकाश सिंह जी जिन्होंने अपने स्वयं की रियासत नरसिंहगढ पर शाशन किया व स्वतंत्र भारत में विलय के लिए अपनी रियासत दी अब हमारे बिच नहीं रहे !  महाराज श्री मंत भानु प्रकाश सिंह जी केबिनेट मंत्री व गोवा के राज्यपाल भी रह चुके है  साथ ही भारत के समस्त राजाओ के संघ का अध्यक्ष भी आपको बनाया गया था।  श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना की ओर से महाराज को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि।  
  (565 self-governing princely states to accede to India passed away)
 इंदौर। पूर्व केंद्रीय मंत्री भानुप्रकाश सिंह का लम्बी बीमारी के बाद बृहस्पतिवार को यहां निधन हो गया। वह 89 वर्ष के थे। उनके पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि सिंह ने शहर के रॉबर्ट्स नर्सिंग होम में आखिरी सांस ली। वह प्रोस्टेट संबंधी रोग से पीड़ित थे और करीब दो महीने से अस्पताल में भर्ती थे। 
सूत्रों ने बताया कि सिंह के पांच पुत्र हैं जिनमें मध्य प्रदेश के नरसिंहगढ़ क्षेत्र के भाजपा विधायक राज्यवर्धन सिंह और वाराणसी के प्रसिद्ध सर्वेश्वरी समूह आश्रम के प्रमुख गुरु संभव राम शामिल हैं।
भानुप्रकाश सिंह पूर्व नरसिंहगढ़ रियासत के राजवंश से ताल्लुक रखते थे। वह 1967 में चौथी लोकसभा के लिये चुने गये थे। उन्हें औद्योगिक विकास, आंतरिक व्यापार और कम्पनी मामलों के विभाग का उप मंत्री बनाया गया था। बाद में वह गोवा के राज्यपाल भी रहे थे। 
सिंह के निधन पर मध्य प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों-दिग्विजय सिंह और शिवराज सिंह चौहान समेत कई हस्तियों ने शोक जताया है। दिग्विजय ने ट्वीट किया, "महाराजा भानुप्रकाश सिंह, नरसिंहगढ़ के दुःखद देहांत का समाचार सुनकर बेहद दुःख हुआ। वह एक बेहद प्रभावशाली व्यक्ति थे। वह इंदिरा गांधी जी के बेहद निकट थे। यदि प्रिवी पर्स के विषय पर उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया होता, तो वह कांग्रेस के बहुत बड़े नेता होते। Source starsamachar

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व्यक्ति  विशेष 
महाराज भानू प्रकाश  सिहँ जी पूर्व केंद्रीय मंत्री , गोवा राज्यपाल ने आन बान शान उसूल  के साथ नहीं किया किसी से समझोता                   

जिसने शोहरत और ताक़त को भी ठोकर मार दी, जिसको पाने के लिए लोग बरसों एड़ियां रगड़ते हैं..!!
           ईश्वर  ने आपको वो तमाम चीज़े दीं, जिसको पाना लोगों का ख़्वाब और हसरत होती है....लेकिन उन सब से ऊपर एक ऐसी नायाब चीज़ भी दी....जो आज ता हद्दे नज़र...दूर-दूर तक नज़र नहीं आती....वो नायाब चीज़ है आपकी."खुद्दारी"......!!
 जी हां....खुद्दारी को जो हर सांस जीया  है....उस शख़्स का नाम मैं बहुत अदब ओर  सम्मान  के साथ ले रहा हूं.....  श्रीमंत महाराजा भानू प्रकाश सिंह जी....ये उस शख्सियत
हास्ती  ,,,,,,का नाम है जिसके पास दौलत-शोहरत और ओहदे चलकर ख़ुद क़दम बोसी करने आये...लेकिन खुद्दारी ने इन्हें ठोकर मार दी....!!
मध्य-भारत....मालवा की शोहरत याफ्ता रियासत "नरसिंहगढ़" के अन्तिम शासक महाराजा भानु प्रकाश सिंह जी का ....आप इंदिरा गांधी  केबिनेट में केंद्रीय मंत्री, और गोवा के राज्यपाल रह चुके हैं...!
 महाराज विक्रम सिंह जी के देवलोक गमन पश्चात् 1957 को आप गद्दी नशीन हुए...आपकी शिक्षा-दीक्षा डेली कालेज इंदौर, मेयो कॉलेज अजमेर और सेंट जॉन्स कॉलेज आगरा में हुई.…..!!
आपने वर्ष 1962 में निर्दलीय एक साथ  दो  चुनाव लड़ कर जीत   सक्रीय राजनीति में पदार्पण किया...

इस वर्ष आपने निर्दलीय रूप में नरसिंहगढ़ विधानसभा और राजगढ़ लोकसभा के चुनाव लड़े और दोनों ही चुनाव बड़े अंतर से जीते...अपने नरसिंहगढ़ विधानसभा  की सीट रिक्त कर कैलाश नाथ काटजू जी को नरसिंहगढ़ से चुनाव लड़वाया और जितवाया...जबकि श्री काटजू अपनी सीट जावरा से चुनाव हार चुके थे....नरसिंहगढ़ से जीतने के बाद श्री काटजू मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने..!!

        इसके बाद महाराजा भानु प्रकाश सिंह जी का प्रदेश और देश की राजनीति में सिक्का जम गया...अब प्रदेश का कोई भी मुख्यमंत्री बिना महाराज की या अनुशंसा या हस्तक्षेप के नहीं बन सकता था....आप किंग मेकर की भूमिका में आ गए थे...!!
इस प्रभाव के कारण आप इंदिरा जी के नज़दीक हो गए और 1964 में आपने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ले ली...!!



  • 1966 में आप पार्लियामेंट सेक्रेटरी बनाये गए....
  • 1967 में आप कांग्रेस के टिकट पर सीधी से चुनाव लड़े और भारी अंतर से जीते....
  • मार्च 1967 में इंदिरा जी ने आपको इंडस्ट्रियल डेवलोपमेन्ट,इंटरनल ट्रेड और कंपनी अफेयर्स का उप मंत्री नियुक्त किया....!! 
  • 1970 में आपको पेट्रोलियम, केमिकल, माइंस और मेटल मंत्रालय सौपा गया...!!
  • इस दौरान आपने यूरोप, यूएसए, मिडिल ईस्ट, साऊथ एंड साऊथ ईस्ट एशियाई देशों के दौरे किये
  • आपने वर्ल्ड कॉन्फ्रेंस ऑफ़ वर्किंग पीपल सोशलिस्ट यूनियन बेलग्राड में 1966 में भाग लिया..
  • आपने यूनाइटेड नेशंस इंडस्ट्रियल डेवलोपमेन्ट ऑर्गेंनाइज़ेशन (UNIDO) में भाग लिया जो अप्रेल 1968 को वियेना में आयोजित की गई थी...!!
  • इसके बाद वो दौर आया जब आपकी खुद्दारी ने पहला क़दम उठाया... 
  • 1 सितंबर 1970 को जब तत्कालीन केंद्र सरकार ने 24 वें संविधान संशोधन के ज़रिये राजा-महाराजाओं को मिलने वाली प्रिवीपर्स को समाप्त करने का निर्णय लिया तो विरोध स्वरूप आपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया....!!
  • तब आप को देश के तमाम देशी राजा.महाराजा और नवाबों ने अपना अध्यक्ष चुन लिया...
  • आप अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष भी चुन लिए गए....!! ले
  • किन कांग्रेस से नरसिंहँगढँ  सीट पर स्वयं  1984 मे विधानसभा चुनाव  हार गए थे उस समय तक प्रदेश राजनीति मे अहम भूमिका निभाई
  • 18 मार्च 1991 को पुनः राजनीति आपके पास चल कर आई और आपको गोवा राज्य का राज्यपाल नियुक्त किया गया....

  • यहाँ भी खुद्दारी आपके साथ थी...यहां कोकण रेलवे प्रोजेक्ट के किसी मामले में तत्कालीन गोवा मुख्यमंत्री डॉ विल्फ्रेड डिसूज़ा से विवाद हुआ और आपने भारत के इतिहास में पहली मर्तबा बिना दिल्ली को विश्वास में लिए बॉय गवर्नर पॉवर मुख्यमंत्री डिसूज़ा को डिसमिस कर दिया..!!
     विवाद दिल्ली पहुंचा और राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा ने आपके कार्य को सही माना लेकिन राजनीति आड़े आयी और तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हाराव ने इस क़दम को अनुचित माना.....आपने इस विवाद के चलते पुनः अपनी खुद्दारी से काम लिया और 4 अप्रेल 1994 को राज्यपाल के पद से इस्तीफ़ा दे 
    दिया.....!!
     आपको देश में धीरूभाई अंबानी को पहला बिज़नेस लायसेंस देने, मारुती कार उद्द्योग लगवाने, जयपुर-जबलपुर हाई-वे बनवाने जैसे प्रगतिशील और बड़े उद्द्योगों की स्थापना का श्रेय जाता है.....!!

    देश के औद्योगिकीकरण के शिल्पी इस महान नेता..कुशल प्रशासक, प्रखर विचारक ...आज हमारे साथ शरीरिक  रूप से नही रहे आज 24 जनवरी 2019की सुबह अन्तिम सांसे  ले हमारे बीच नही रहे   .... ...देश दुनिया के लिए  आप का निधन .....होना अपूर्णणीय क्षति है  ईश्वर से प्राथँना  है अपने श्रीचरणो मे स्थान दे ... ऊँ  शाँति 💐!!  Source 

4th Lok Sabha
Members Bioprofile
BHANU PRAKASH SINGH, H.H. MAHARAJA OF NARSINGHGARH, B.A., Cong. , ( Madhya Pradesh Sidhi, 1967):  s. of His late Highness Maharaja  Vikram  Singh; b. at  Narsinghgarh, June 22, 1929 ; ed. at  Mayo  Collage, Ajmer, Daly  Collage, Indore and  St. John's Collage, Agra; m. Princess  Lakshmi  Kumari of Bikaner, June 1, 1950; 5 s.; Ex-Governor, Madhya Pradesh Rashtra Bhasha Prachar Samiti; Ex-President, All India Rajput Parishad; Deleegate to the World Conference of the Working People's Socialist Union, Belgrade, 1966; Secretary of the Citizens' Central Council, 1966; Convener, Madhya Pradesh Youth Congress (resigned in 1966 consequent on appointment as Parliamentary Secretary in the Department of Communications, Government of India, 1966); Member, Third Lok Sabha, 1962-67; Parliamentary Secretary, Department of Communications, February, 1966-67; Deputy Minister, in the Ministry of Industrial Development and Company Affairs. March, 1967.
Hobbies:  Reading and gardening.
Favourite pastime and recreation:  Shooting and big game hunting, motoring, visiting places of historical importance.
Special interests:  Travelling and sight-seeing. 
Sports:  Hockey and Cricket.
Travels abroad:  Nepal, Lebanon, Iran, Italy, Switzerland, West Germany, Spain, France, Yugoslavia and Greece.
Permanent address:  Bhanu Niwas Palace, Narsinghgarh, Madhya Pradesh.










 Source :  www.timesofhindi.com , www.narsinghgarh.com  www.karnisena.com

https://www.bhaskar.com/mp/bhopal/news/maharaja-bhanu-pratap-dies-before-prolonged-illness-of-narsinghgarh-principality-01481092.html





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